हिमाचल के रेरी गांव में (आईना देखो के दरम्यां ) |
शुक्रिया अदा करना एक ऐसा कार्य है जो इंसान को इस झूठी दुनिया में सच की ओर लौटने को प्रेरित करता है। यह अपने आप घटित होता है, कोई बलपूर्वक किसी का शुक्रिया करवा भी ले तो यह शुक्रिया नहीं रह जाता है, यह बस खानापूर्ति रह जाता है और जिंदगी में इसका कोई महत्व भी नहीं रह पाता है। यह तो दिल से घटित होता है, जो किसी का शुक्रिया अदा करता है उसका दिल ही जानता है कि वह कैसा महसूस करता है। कभी-कभी तो चेहरे पर एक दिव्य मुस्कान छा जाता है और आंखों में चमक आ जाती है। शुक्रिया अदा करने से जिसका शुक्रिया किया गया हो वह जितना प्रसन्न होता है उससे ज्यादा खुशी शुक्रिया करने वाले की अंतस को होती है। ऐसा नहीं है कि शुक्रिया केवल लोगों का किया जाता है। अक्सर लोग बहुत सी अमूर्त चीजों का भी शुक्रिया अदा करते हैं। जिंदगी का शुक्रिया लोग अक्सर करते हैं। हर बीतते पल के साथ,प्रत्येक सांस के साथ लोग भले ध्यान दें या ना दें पर मन और शरीर बहुत सी अज्ञात चीजों का शुक्रिया अदा करता रहता है। शुक्रिया अदा करने से जीवन में हम आगे बढ़ जाते हैं, ऐसा करना इसलिए जरूरी भी है। कभी-कभी तो ऐसा होता है कि हम किसी के उपकार करने के बाद अगर आभार जता नहीं पाते हैं तो वह हमें सालों तक कचोटता रहता है, लेकिन जैसे ही हम उसको शुक्रिया अदा करते हैं हमें लगता है कि हमने दिल से एक बड़ा बोझ उतार दिया हो। शुक्रिया अदा करने या आभार व्यक्त करने के अलग अलग तरीके हैं, व्यक्ति पर निर्भर करता है कि वह किसी का कैसे शुक्रिया अदा करता है। यहां तक कि पशु-पक्षी और पेड़-पौधे तक शुक्रिया अदा करना नहीं भूलते हैं। खैर मैं आप सबका शुक्रिया करता हूं कि आपने मेरा लेख पढा।
प्रशांत
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